IPC क्या 15 से 18 साल की उम्र की पत्नी से यौन संबंध बलात्कार?

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15 से 18 साल की उम्र की पत्नी से  यौन संबंध बलात्कार ?

वर्ष 2017 में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक गंभीर एवं सामाजिक महत्त्व का यह प्रश्न उत्पन्नं हुआ कि, क्या एक पुरुष, के द्वारा अपनी पत्नी जिसकी उम्र 15 से 18 साल के बीच की लड़की है, के साथ, बनाया गया यौन संबंध बलात्कार  की कोटि में आता है?

भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 375 इस बात की अनुमति देती है, जो इस प्रकार है निम्नानुसार है -

375. बलात्संग-यदि कोई पुरुष, (क) किसी स्त्री की योनि, उसके मुँह, मूत्रमार्ग या गुदा में अपना लिंग किसी भी सीमा तक प्रवेश में करता है या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या

(ख) किसी स्त्री की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में ऐसी कोई वस्तु या शरीर का कोई भाग, जो लिंग न हो, किसी भी सीमा तक अनुप्रवष्टि करता है या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या

(ग) किसी स्त्री के शरीर के किसी भाग का इस प्रकार हस्तसाधन करता है जिससे कि उस स्त्री की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग या शरीर के किसी भाग में प्रवेशन कारित किया जा सके या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है; या

(घ) किसी स्त्री की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग पर अपना मुँह लगाता है या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के साथ कराता है, तो उसके बारे में यह कहा जाएगा कि उसने बलात्संग किया है, जहां ऐसा निम्नलिखित सात भांति की परिस्थितियों में से किसी के अधीन किया जाता है|

इस धारा के दो अपवाद निम्नलिखत है -

अपवाद 1. किसी चिकित्सीय प्रक्रिया या अंतःप्रवेशन से बलात्संग गठित नहीं होगा।

अपवाद 2. किसी पुरुष का अपनी स्वयं की पत्नी के साथ, मैथुन या लैंगिग कृत्य, यदि पत्नी पन्द्रह वर्ष से कम आयु की न हो, बलात्संग नहीं है । 

इस धारा का अपवाद 2 पत्नी जो 15 वर्ष से अधिक एवं 18 वर्ष के कम की है के साथ, मैथुन या लैंगिग कृत्य, बलात्संग नहीं माना गया है |

बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 3(क) में बालक को परिभाषित किया गया है जिसके अनुसार  ‘बालक' से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने, यदि पुरुष है तो, इक्कीस वर्ष की आयु पूरी नहीं की है और यदि नारी है तो, अठारह वर्ष की आयु पूरी नहीं की है | इसी प्रकार लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 2 (घ) में ‘बालक' से एसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने, अठारह वर्ष की आयु पूरी नहीं है |

इस कानूनी मतभेद के कारण उच्चतम न्यायालय ने इस सम्बन्ध में यह कहा है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बलात्कार है, भले ही वह शादीशुदा हो या नहीं। IPC में बनाया गया अपवाद एक विवाहित और एक अविवाहित बालिका के बीच एक अनावश्यक और कृत्रिम भेद पैदा करता है और तर्कसंगत नहीं है। यह अंतर मनमाना और भेदभावपूर्ण है और निश्चित रूप से बालिकाओं के सर्वोत्तम हित में नहीं है। यह अंतर संविधान के अनुच्छेद 15(3) का उलंघन होकर, लोकाचार के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 21 और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हमारी प्रतिबद्धताओं के विपरीत है। यह कुछ भारतीय  विधियों के एवं  बालिका की शारीरिक अखंडता और उसकी प्रजनन पसंद के विपरीत भी है। Independent Thought Vs. Union of India and Anr.2018 ALL SCR (Landmark) 166 Supreme Court


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